चिराग तले अंधेरा, नप कार्यालय के बाहर कूड़े के ढेर

रामपुर बुशहर(संदीप वर्मा)शहर के वार्ड नंबर छह में कई ज्वलंत स्मस्याएं हैं। इस वार्ड का कुछ हिस्सा मुख्य बाजार और शेष हिस्सा शहर से दूर स्थित है। वार्ड नंबर छह में ही नगर परिषद का भवन भी है। नप भवन के प्रवेशद्वार पर ही कूड़े के ढेर लगे हैं, बीडीओ कार्यालय और पुलिस कालोनी में मरीज को ले जाने के लिए एंबुलेंस तक नहीं पहुंच पाती है। वहीं साथ लगती पहाड़ी से लगातार पत्थर गिरने से लोग डर के साये में जीवन बिता रहे हैं।
इसके आसपास के दुकानदारों प्रकाश चंद, योगराज भारद्वाज और ललित कुमार का कहना है कि नप के प्रवेश द्वार पर ही कूड़ा फैला रहता है। वहीं, भवन के पिछली तरफ बने शौचालय के समीप गंदगी फैली है और यहां पर नशेड़ियों का जमावड़ा लगा रहता है, जबकि सीवरेज का खुला पड़ा चैंबर भी बीमारियों को न्योता दे रहा है। पुराने पीएनबी भवन के पीछे बना शौचालय भी बदहाली का शिकार बना हुआ है और यहां कूड़े और प्लास्टिक का ढेर लगा रहता है। यहां रह रहे लोगों शमशेर मेहता, प्रताप गुप्ता, रूप सिंह और भीष्म गुप्ता का कहना है यहां स्कूल, कॉलेज और ट्यूशन सेंटर में पढ़ने वाले बच्चे अकसर नशे की हालत में देखे जा सकते हैं। वहीं, पुलिस को शिकायत करने के बावजूद कोई पुलिस कर्मी यहां नहीं आता। वार्ड में स्थित रावमापा कन्या के बाहर ब्रौ रोड पर भी वाहन हार्न बजाते हुए तेज गति से दौड़ते हैं। सड़क तंग होने के चलते स्कूली छात्राओं का सड़क पर चलना खतरे से खाली नहीं रहता। स्कूल में कार्यरत अध्यापकों मूलराज कपूर, राकेश, गोपाल और प्रद्युमन मेहता का कहना है कि कोर्ट कॉम्पलैक्स से ब्रौ की ओर जाने वाले मार्ग पर दोनों तरफ वाहनों की आवाजाही से स्कूली बच्चों को स्कूल पहुंचने में खासी परेशानियां पेश आ रही हैं। वहीं, स्कूली छात्राओं और स्टाफ ने एनएच से जोड़ने के लिए रास्ता बनाने की मांग की है। ताकि खोपड़ी और ल्हासा से स्कूल की दूरी कम हो सके। उन्होंने इस समस्या को दूर कर मार्ग को एकतरफा करने की मांग की है। सर्किट हाउस के साथ रह रहे मूल राज, कृष्ण गोपाल नेगी और रोशन लाल का कहना है खोपड़ी में बने आईपीएच के रेस्ट हाउस के मोड़ पर बरसों से पड़े मलबेे को हटा कर बैंच लगाए जाने चाहिए। सर्किट हाउस के साथ लगती ढलानों में कूड़ा-कचरा बिखरा पड़ा है। वहीं साथ से गुजरती सीवरेज लाइन की लीकेज भी लोगों की समस्या का सबब बनी हुई है। उन्होंने बताया कि नगर परिषद मात्र टैक्स और वोट लेने तक ही सीमित है। जब अमर उजाला की टीम बीडीओ कार्यालय से पुलिस कॉलोनी पहुंची तो वहां रहने वाले लोगों शाविका, रेखा शर्मा, रंभा, श्वेता, अंकित, शारदा ठाकुर, हितेंद्र, राधा देवी और रीता का कहना है कि यहां सड़क की सुविधा न होने के कारण बीमारी की स्थिति में मरीज को उठा कर बीडीओ कार्यालय तक पहुंचाना पड़ता है, जबकि 108 एंबुलेंस तक यहां नहीं पहुंच पाती है। बिल्कुल साथ में बने आईपीएच के सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट से अकसर उठने वाली दुर्गंध के कारण पुलिस कॉलोनी और आसपास के घरों में रहने वाले लोगों को दूषित वातावरण में जीने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। वहीं साथ लगती पहाड़ी से पत्थर गिरना आम बात है और लोगों को डर के साए में जीना पड़ रहा है।

क्या कहती है पार्षद
वार्ड नंबर छह की पार्षद सीमा गुप्ता का कहना है कि उन्होंने कई मर्तबा नगर परिषद की आम बैठक में इन समस्याओं को रखा। लेकिन कोई कारवाई अमल में न लाए जाने के कारण समस्या जैसी की तैसी बनी हुई है।

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